आस्था का सम्बन्द्ध जीवन से है ,
जीवन भी हो और नास्तिक भी हो यह सम्भव नहीँ , आस्था से ही जीवन है , और जीवन का स्वरूप बदलता है , जीवन नहीँ । अतः नास्तिकता का अवसर होता ही नहीँ । अर्थात् जो जीवित है वह नास्तिक नहीँ । जीवन में आस्था अनिवार्य है। -- सत्यजीत तृषित
No comments:
Post a Comment