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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन उपदेश
1⃣1⃣ दृष्टि…
👀६.दृष्टि-
<> बहुत ही संभार कै दृष्टि उठानौ,कहूँ स्त्री
आदिकन पै दृष्टि न पर जाय ऐसी संभार कै राखनौ
<> बहुत ही आवश्यकता परवे पै देखनौ दृष्टि प्रायः
नीची ही रहै। शनै: शनै: आगे कौ मार्ग देख कें तब
<> दृष्टि उठानौ धैर्य सों काम लेनौ, हताश नहीं
होनौं ,है
<> साध्य किन्तु पूरी सावधानी सों प्रयत्न की
आवश्यकता है।
७.आहार
<> आहार उतनौ ही करनौ जितने में उदर पूर्ति है
जाय। सात्विकी,हितकर,हलकौ,पाचक तथा जा में
कम व्यथ परै ऐसौ ही आहार करनौ ।
<> शरीर की रक्षा के लिये भोजन करनौ, जिह्वा
के विचार सों कोई आहार नहीं जारनौ।
💎प्रस्तुति 📖श्री दुबे
📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
Thursday, 21 April 2016
गयाप्रसाद जी वचन 6 , दृष्टि
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