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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन
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☘☘4⃣6⃣☘☘
♻खण्डन-मण्डन ,आलोचना-अपराध♻
👉🏻१.साधक वाद् -विवाद खण्डन मण्डन के चक्र सों बचकें निरन्तर अपने साधन में लगौ रहै।
याही परम् कल्याण है।
❎२.काहू के धर्म में तर्क न करै।
▶३.साधु के ताईं उचित है कि प्राणप्रण सों अपनी विधि (सद्गुरु प्रदत्त साधन प्रणाली )कौ पालन करै किन्तु काहू की विधि की आलोचना न करै।
➡अपनी विधि कूँ श्रेष्ठ मानकें सबकी विधिन कौ खण्ड़न करनौ यह महाअप्राध हैं साधु या सों बचतौ रहै।
💎प्रस्तुति📖श्री दुबे
📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दाबन
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