Thursday, 21 April 2016

गयाप्रसाद जी वचन 4 , मन

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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन उपदेश
1⃣4⃣ मन
<> मन में विषय सम्बन्धी संकल्प न उठन पावैं।
काहू कौ अनिष्ट चिन्तन न हौन पावै।
जब जब मन में अनुचित संकल्प उठवे लगै तब तब भगवत् कृपा
कौ स्मरण करनौ कि-
<> श्री प्राणनाथ ने बड़ी कृपा
करी-भारतवर्ष में जन्म,उत्तम कुल,उत्तम माता-
पिता,सत्संग,सद्गुरु-प्राप्ति, भजन के लिए अवकाश आदि -आदि
अनेकन महान् सुयोग प्रदान कर दिये।
<> अब हमें चाहिये कि सदैव सावधान रहें कि कोई दूषित
संकल्प मन में न उठन पावै प्रत्युत सतत् यही
प्रयत्न करै कि मन में
<> १.इनकी कृपा कौ चिन्तन होतौ रहै।
<> २.अपने जीवन के सुधार के लिये उपाय सौचतौ
रहै।
<> ३.हम सों सबकौ हित ही होय ऐसौ संकल्प
बनातौ रहै।
<> ४.बार-बार यह देखतो रहै कि हमारी श्रद्धा
शिथिल तौ नहीं होयवे लगी।
<> ५.हम अपने नियम ठीक-ठीक
पालन कर रहे हैं या नहीं।
💎प्रस्तुति 📖श्री दुबे
📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दाबन

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