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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन उपदेश
1⃣3⃣ 👂🏻श्रवण👂🏻
<> श्रवणश्रीभगवत् चरित्र सुननौ, सन्तन के चरित्र
सुननौ। काहू की प्रशंसा होती होय तौ सुननी पर
काहू की निन्दा नहीं सुननी।
<> अश्लील गाने (बातें) नहीं सुनने,अपनी प्रशंसा
नहीं सुननी।
<> जो पाप लगै है परनिन्दा करवे में, वही पाप लगै
है, अपनी प्रशंसा करवे में।
<> जो पाप लगै है,परनिन्दा सुनवे में, वही पाप लगै
है अपनी प्रशंसा सूनवे में।
<> हितकर वाक्य ही सुनना,खण्डन मण्डन सुनिवे
सौं बचते रहनौ ।
<> ९भक्तन के चरित्र अवश्य पढ़नौ-
📚श्री भागवत् चरित्र पढ़नौ ।
उनके अनुसार अपनौ जीवन बनानौ ।
📚श्री रामचरितमानस आदि उत्तम सद् ग्रंथन् कूँ
नित्य नियम सों पढ़नौ।
<> अश्लील पोथी नहीं पढ़नौ। जा पोथी में
परनिन्दा लिखी होय,खण्डन लिखौ होय, ऐसी
पोथी नहीं पढ़नी।
💎 सन्तन के वाक्य अवश्य पढ़ने आदि-आदि। 💎
💎प्रस्तुति 📖श्री दुबे
📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
Thursday, 21 April 2016
गयाप्रसाद जी के वचन 12 , श्रवण
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