💧💧💧💧💧💧💧💧
पूज्य बाबा
पंडित श्री गयाप्रासद जी के
📘सार वचन उपदेश
🍁 8⃣ 🌼 हाथ 🌼 🍁
<> ३.हाथ
<> हाथ सदैव सेवा के काम में लागये राखै कोई
बालक गिर परै तौ वाके उठायेवे में हाथन की
सफलता समझै।
<> यही तरसतौ रहै कि अपने इन हाथन कूँ काहू के
काम लगाय सकूँ। गुरुजनन की सेवा में हाथन कि
सफलता समझौ ।
<> श्री ठाकुर जी के मन्दिर में हाथन सों सेवा
करतौ रहै। हाथन सों सेवा करते में संकोच कौ अनुभव
न करै हीनता न समझै प्रत्युत यही भावना बनावै कि
आज ही तौ हाथन की सफलता भई है।
<> श्री भागवतजी में परम् भागवत् श्री अम्बरीष
जी की जीवनी में लिखौ है-
<>"करौ हरे म्रान्दिर मार्जनादिषु ।"
<> अपने दोऊ हाथन सों श्री भगवान् कौ मन्दिर
झारते बुहारते। हाँ यदि ये हाथ कहूँ श्री भागवत् सेवा
कौ सौभाग्य पा जायै तौ इनकूँ बहुत ही
<> सांभर कै राखे-यह भावना बनायै कि ये हाथ अब
भगवान् के है गये म अब इन हाथन सों कोई अनुचित
काम न होन पावै।
<> १.विरक्त साधक काम की भावना सों काहू कूँ
न छुवै।
<> २.क्रोध की भावना सों काहू कूँ धक्का न
देय,मारे नहीं।
💎प्रस्तुति 📖श्री दुबे
📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
No comments:
Post a Comment