Friday, 22 April 2016

गयाप्रसाद जी वचन 13 और 14 नामापराध

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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन

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☘☘4⃣4⃣☘☘

नामापराध

👉🏻१ सन्त जनन की निन्दा।

👉🏻२.भगवान् विष्णु भगवान् शिव में भेद बुद्धि।

👉🏻३.श्री गुरुदेव की अवज्ञा।

👉🏻४.वेद शास्त्रन की आज्ञा न माननों ।

👉🏻५.श्री हरिनाम माहात्म्य में आशीर्वाद की कल्पना अर्थात प्रशंसा मात्र समझनौ  ।

👉🏻६.श्री भगवन्नाम के बल पर पाप में पाखण्ड में प्रवृत्ति ।

👉🏻७.हरिनाम कूँ धर्म व्रत त्याग यज्ञादि शुभ कर्मन के सामान समझनौ ।

👉🏻८.अश्रद्धालु एवं भगवद् विमुख जनन कूँ भगवन्नाम कौ उपदेश देनौ ।

👉🏻९.श्री भगवन्नाम महिमा सूनवे पै हू श्री भगवन्नाम में रूचि न होनौ ।

👉🏻१०.अहमता ममतावश संसारी भोगन कूँ प्रधानता दैनौ तथा श्री भगवन्नाम जप में प्रमाद करनौ ।

👆🏻ये दस नामापराध हैं।

👉🏻इनसों सदैव सावधान रहै,कहूँ नामापराध न बन जाय।

💎प्रस्तुति📖श्री दुबे

📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दाबन

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पूज्य बाबा
पंडित श्री गया प्रसाद जी के
📘सार वचन

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☘☘4⃣0⃣☘☘

नामापराध

🙏🏻श्री भगवन्नाम महिमा अपार है  वाणी की अधिष्ठात्री सरस्वती श्री गणेश जी श्री ब्रह्माजी श्री शंकर जी एवं श्रीशेष जी आदि निरन्तर श्री नाम महिमा कौ बखान करते रहैं हैं

▶तथापि नाम महिमा कहवे में समर्थ नायँ। श्री भगवान् हू नाम महिमा कौ स्वयं पूरौ पूरौ वर्णन नहीं कर सकें हैं।

☘☘।।"रामु न सकहिं नाम गुन गाई"।।☘☘

🍒फिर भगवन्नाम कौ ऐसौ प्रभाव देखवे में क्यों नहीं आवै यामें हेतु है-

👉🏻नामापराध।

👉🏻जीव अनन्त काल सों अपराधी है।

👇🏻अपराध के भंजन कौ उपाय है-

🌺श्रीनाम भगवान् की शरण लेकैं  दीर्घकाल तक सतत् नाम स्मरण। हाँ आगे यह सावधानी रहै कि नामापराध न बनै।

💎प्रस्तुति📖श्री दुबे

📙संपादन सानिध्य
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दाबन

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