प्रश्न : स्वामीजी ! मन किसे कहते हैं ?
स्वामीजी : विचारों के प्रवाह और भावनाओं के समुच्चय को मन कहते हैं
प्रश्न : क्या हम मन से मुक्त होकर ,उसके मालिक होकर जीवन जी सकते हैं ?
स्वामीजी : मन को साक्षी भाव से देखने से हम मन से मुक्त होकर ,मन के मालिक
बनते हैं .इस प्रक्रिया को ही ध्यान -समाधी कहते हैं .
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