Saturday, 26 March 2016

किसी को बुरा न समझे

सन्तवाणी
श्रद्धेय स्वामीजी श्रीशरणानंदजी महाराज

हम न बिगड़ते तो दुनिया न बिगड़ती यानी दुनियामें बुराई न दीखती । हमारी ही बुराई दुनियामें दिखाई देती है, ऐसा मैं मानता हूँ ।

सबसे बड़ी सेवा, अपनी और दूसरोंकी, इसीमें है कि हम किसीको बुरा न समझें ।

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