Monday, 23 November 2015

रहस्य भाव 45

मनुष्य के दुःख का कारण देहाभिमान है , शरीर घर है , इसमे रहने वाली जीभ देहली है , उसे न तो अन्दर कहा जाता है और न बाहर । इस देहाभिमान को मारने के लिए जीभ पर श्री ठाकुरजी का नाम रखना चाहिए . . श्री मन्नारायण श्री  मन्नारायण नारायण .......

No comments:

Post a Comment