Monday, 19 October 2015

रहस्य भाव 3

आत्म अनुशासन को आत्म विजय भी कहा जाता है।
सफलता तभी मिल सकती है जब आप अपनी भावनाओं,व्यग्रताओं,कामनाओं पर विजय प्राप्त करलें।
जो लोग अपनी व्यग्रताओं पर काबू नहीं कर पाते,वे कमजोर होने के साथ साथ अविश्वसनीय भी हो जाते हैं।'
आत्म अनुशासन को आत्म नियंत्रण भी कहा जा सकता है।
श्रेष्ठ व्यक्ति की यही पहचान है कि उसमें स्वयं को ,अपने विचारों और कार्यों को नियंत्रित करने की क्षमता हो,और उसका व्यवहार उसके दीर्घ कालीन लक्ष्यों व उद्देश्यों के तालमेल में हो।'
आत्म अनुशासन को आत्म दमन भी कहा जाता है-सकारात्मक अर्थ में।यानी आप को उन आवेगकारक,आवेशकारक आसान खुशियों के प्रलोभन में नहीं फंसना चाहिए,जिनके कारण अनेक लोग राह से भटक जाते हैं।
इसके बजाय दृढ अनुशासित रहकर सिर्फ वेही कार्य करने चाहिए,जो दीर्घकालीन और वर्तमान दोनों दृष्टियों से उचित हों।'
अनुशासन का अर्थ है दीर्घकालीन संतुष्टि पर गौर करने की क्षमता जो आत्म प्रेम की सूचक है,न कि अंतर्विरोध की।'

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