>अस्तित्व <
यदि मनुष्य किसी वस्तु के
अस्तित्व को नकारने
का प्रयास भी करता है
तो वह गलत है ।
क्योँकि किसी के सम्पूर्ण
नकार
की कल्पना नहीँ की जा सकती ......
ईश्वर के नकारात्मक
विशेषण अनादि , अखण्ड ,
अभेद , अनन्त , अगम ,
आदि ईश्वर
की महानता एवं
विराटता को प्रस्तुत
करते है ......
इसी भाँति किसी वस्तु
को समग्रतः नकारने पर
उसका स्वरुप
ही अति विराट
हो जाता है जो मानव
की समझ से परे है ....
इस नकार की हम
कल्पना तक नहीँ कर सकते
है ....
क्योँकि वह अनिर्वचनीय
एवं अकल्पनीय है ।
अस्तु सम्पूर्ण नकार
की कल्पना की बात
मिथ्या है , इसका वर्णन
नहीँ किया जा सकता ,
इसकी कल्पना भी नहीँ की जा सकती है
।
Tuesday, 22 December 2015
रहस्य भाव 71
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