Sunday, 13 December 2015

रहस्य भाव 68

<-- मर्यादा एवं लीला -->
मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्र की लीला अनुकरणीय है किन्तु लीलापुरुषोत्तम कृष्ण का चरित्र चिन्तनीय है ।
श्रीकृष्ण की लीला चिंतन करने के लिए और चिँतन करते तन्मय होने के लिए है ।
रामचन्द्र जो किया वह करना है , किन्तु श्रीकृष्ण ने जो कहा वह करना है ।
रामचन्द्र का मातृप्रेम , पितृप्रेम , बंधुप्रेम , एक पत्नी प्रेम आदि सभी जीवन मेँ उतारने योग्य है ।
साधक का वर्ताव रामचन्द्र जैसा होना चाहिए , सिद्ध पुरुष का वर्ताव श्रीकृष्ण सा हो सकता है ।।

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