Sunday, 6 November 2016

पति पत्नी को कैसे रहना चाहिये

पति -पत्नी को कैसे रहना चाहिए ---(((((  ))))) ********  ?
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विश्रम्भेणात्मशौचेन गौरवेण दमेन च.!
शुश्रूषया सौहृदेन वाचा मधुरया च भो:!!
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विश्रम्भण --- एक दूसरे के प्रति विश्वास होना चाहिए.! यदि पति पत्नी में परस्पर विश्वास न हो तो घर मे नरक आ जायेगा.! एक दूसरे के विश्वास से ही गृहस्थी चलती है.!!
आत्मशौचेन ---- इस प्रकार पवित्रता पूर्वक रहना चाहिए कि कोई कलंक न लगने पाये.! गौरव का भाव सदा बना रहना चाहिए.! तिरस्कार -अपमान नहीं करना चाहिए.!!
दमेन --- अपनी इन्द्रियों को, जीभ को, आँख को वश मे रखना चाहिए.! हर समय भोग की लालसा नहीं रखना चाहिए.!!
शुश्रूषया --- बराबर सेवा परायण होना चाहिए., आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे के प्रति सेवा भाव बना रहे!!
सौहृदेन ------ हमेशा आपस मे सद्भाव रखना चाहिए.!
वाचा मधुरया ---- सदैव मधुर वाणी बोलें.! 
बोलने में यह न समझे कि हमारा आपस में बड़ा प्रेम है, जो चाहे बोलें., तू -तड़ाक की बोली कभी अच्छी नहीं होती.! झगड़ा वचनो से ही निकलता है., जब आदमी रूखा बोलने लगता है, और सामने वाले की परवाह नहीं करता तब उसमें से ही दुर्भाव निकलता है.! इसलिये वाणी सदा ऐसी बोलना चाहिए, जो मधुरता धारण करती हो.! 
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अत:  इसके लिए सदा सावधान रहना चाहिए कि वाणी से जो भी निकले वह मधुर हो.! इसके लिए अपने हृदय को भी मधुर बनाना पड़ेगा.!! बाहर की साधारण मधुर वाणी भी हृदय को मधुर बना देती है.!!!!

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