Sunday, 12 June 2016

अहिंसा क्या है

अहिंसा क्या है ?

चेतना का दमन ।
हो नहीँ सकता ऐसा , पर ऐसी चेष्टा अहिंसा है ।
स्थूल देह के प्रति की ही हिंसा ,हिंसा नहीँ होती । हिंसा होती है , पर के विरोध से । पर को प्रताड़ित करने से । भले वह शब्द से हो या किसी हरकत से ।
पर की आवश्यकता है स्वयं को देह ही घोषित करने पर , फिर अपनी बात पूरी न हो तो जो वृत्ति चित् में उठे भले वह व्यक्त  हो न हो वह हिंसा है ।
अनशन भी हिंसा है , बल्कि दो चाटें में इतनी हिंसा नहीँ जितनी अनशन में । इसमें स्वयं की सत्ता सिद्ध प्रतीत होती है और आंतरिकता से पीड़ा दी जाती है ।
अहिंसक होने हेतु अपने अधिकार का त्याग और परहित की भावना ही सिद्धि है , यह कथन रूप में तो सब समझते आचरण में नहीँ , अतः अहिंसक होना बहुत कठिन है ।
सत्यजीत तृषित

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