अभ्यास
अभ्यास
रात को सोते समय सोचें, आज हमने कहाँ - कहाँ गड़बड़ किया ।आज हमने कहाँ - कहाँ क्रोध किया, कहाँ - कहाँ लोभ किया, कहाँ - कहाँ किसको दुःख दिया । उसको फील करें ।
दूसरे दिन फिर वो और कम हो, फिर और कम हो फिर खत्म हो जाय । सबेरे उठकर दो मिनट ये सोचो - आज हमको सावधान रहना है । इस प्रकार अभ्यास करो तो १० दिन २० दिन में ही अपने को तुम बहुत आगे पाओगे । ऐसे अभ्यास किया जाता है ।
दिन भर रात भर लापरवाह रहे, जो होना है होने दो, तो फिर माया है ही है वो तो नचा डालेगी तुमको, बर्बाद कर देगी । इस मन से बड़े - बड़े योगी लोग हार गये । लापरवाही किया कि गये ।
~~~ जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज ।
राधे राधे गोविंद राधे नित्य चित दास हरि बोल
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