🌿🌸★★-संतवाणी-★★🌸🌿
जिस प्रकार हाथी के दाँत खाने के अलग तथा दिखाने के अलग होते हैं; उसी प्रकार सर्वेश्वरेश्वर भगवान श्रीकृष्ण तथा उनके अनंत स्वांश (अवतार) एवम् उनको प्राप्त कर चुके भक्त/संत जन भी संसारी लोगो की तरह संसारी क्रियाऐं करते हुऐ दिखाई तो देते हैं । किन्तु ना तो वे संसारासक्त होते हैं ना ही संसार से उनकी कोई चाह होती हैं । बल्कि वे तो संसारचक्र में फँसे हुये जीवो का उद्धार करने के लिऐ ही संसार में अवतरित होते हैं ।
अतः संतो/अवतारो की क्रियाओं की नकल करके हम जीवों का काम नही बनेगा बल्कि उनके उपदेशानुसार चलने से ही जीव का कल्याण सम्भव हैं ।
--{स्वामी श्रीरामकृष्ण परमहंस}--
🙏जय श्री राधे 🙏
No comments:
Post a Comment