Tuesday, 3 October 2017

दामोदराष्टकम्

🕉
    🌷 *श्री राधेकृष्णाभ्याम नमः*🌷

   🌺 - *श्री दामोदराष्टकम्* - 🌺
         --------------------------------

नमामीश्वरं  सच्चिदानन्दरूपं लसत्कुण्डलं  गोकुले  भ्राजमानम् ।
यशोदाभियोलूखाद्धावमानं ,
परामृष्टमत्यं  ततोद्रुत्य  गोप्या ।। 1।।

     वह भगवान जिनका रूप सत्, चित और आनंद से परिपूर्ण है, जिनके मकरो के आकार के कुंडल इधर-उधर हिल रहे है, जो गोकुल नामक अपने धाम में नित्य शोभायमान है, जो (दूध और दही से भरी मटकी फोड़ देने के बाद )  अत्यंत तेजी से दौड़ रहे है और जिन्हें यशोदा मैय्या ने उनसे भी तेज दौड़कर पीछे से पकड़ लिया है ऐसे श्री भगवान को मैं नमन करती हूँ ।। 1।।🙏

रूदन्तं  मुहुर्नेत्र - युग्मं  मृजन्तं,
कराम्भोज - युग्मेन सातड्क़ - नेत्रम् ।
मुहुःश्वास - कम्पत्रिरेखाड्क़ - कण्ठ -
स्थित - ग्रैवं  दामोदरं  भक्तिबद्धम् ।। 2।।

     अपनी माता के हाथ में छड़ी देखकर , वो रो रहे है और अपने कमल जैसे हाथों से दोनों नेत्रों को मसल रहे है और उनकी आंखें भय से भरी हुयी है और उनके गले का मोतियों का हार, जो शंख के भाति त्रिरेखा से युक्त है, रोते हुए जल्दी - जल्दी श्वास लेने के कारण इधर -उधर हिल - डुल रहा है, ऐसे उन "श्रीभगवान" को जो रस्सी से नहीं बल्कि अपनी माता के प्रेम से बंधे हुए है। ऐसे देखकर मैं उनके श्रीचरणों में बारम्बार कोटी - कोटी नमन करती हूँ। 🙏

इतीदृक्  स्वलीलाभिरानन्द - कुण्डे
स्वघोषं  निमज्जन्तमाख्यापयन्तम् ।
तदीयेशितज्ञेषु   भक्तैजिंतत्त्वं ,
पुनः  प्रेमतस्तं  शतावृत्ति  वन्दे ।। 3।।

      ऐसी बाल्यकाल की लीलाओं के कारण वे गोकुल के रहिवासीओ को आध्यात्मिक प्रेम के आनंद कुंड में डुबो रहे है और जो अपने ऐश्वर्य सम्पूर्ण और ज्ञानी भक्तों को ये बतला रहे है कि  " मैं अपने ऐश्वर्य हिन और प्रेम भक्तों द्वारा जीत लिया गया हूँ ",  ऐसे उन "दामोदर भगवान" को मैं शत शत नमन करती हूँ।। 3।। 🙏

वरं  देव ।  मोक्षं  न  मोकावधिं  वा
न  चान्यं  वृणेsहं  वरेशादपीह ।
इदन्ते  वपुर्नाथ !   गोपालबालं
सदा  मे   मनस्याविरास्तां  किमन्यै: ।। 4।।
   
       हे भगवान, आप सभी प्रकार के वर देने में सक्षम होने पर भी मैं आप से ना ही मोक्ष की कामना करती हूँ ,  ना ही मोक्ष का सर्वोत्तम स्वरूप श्री वैकुंठ की इच्छा रखती हूँ और ना ही नौ प्रकार की भक्ति से प्राप्त किये जाने वाले कोई भी वरदान की कामना करती हूँ।
     मैं तो बस आपसे बस यही प्रार्थना करती हूँ कि आपका ये बालस्वरूप मेरे हृदय में सर्वदा स्थित रहे, इससे अन्य और कोई वस्तु का मुझे क्या लाभ ?  ।। 4।। 🙏

इदन्ते  मुखाम्भोजमव्यक्त - नीले -
र्वृतं  कुन्तलै:  स्निग्ध - रक्तैश्च  गोप्या।
मुहुश्चुम्बितं  बिम्ब -  रक्ताधरं  मे
मनस्याविरास्तामलं  लक्षलाभै: ।। 5।।
  
      हे प्रभु, आपका श्याम रंग का मुखकमल जो कुछ घुंघराले लाल बालों से आच्छादित है,  मैय्या यशोदा द्वारा बार - बार चुम्बन किया जा रहा है और आपके होंठ बिम्बफल जैसे लाल है, आपका ये अत्यंत सुंदर कमलरूपी मुख मेरे हृदय में विराजित रहे।  (इससे अन्य)  सहस्रों वरदानों का मुझे कोई उपयोग नहीं है। 🙏

वमो देव !  दामोदरानन्त !  विष्णुो !
प्रसीद प्रभो ! दुःख - जालाब्धि - मग्नम् ।

कृपादृष्टि - वृष्टयातिदीनं  बतानु -
गृहाणेश !  मामज्ञमेध्यक्षि - दृश्य: ।। 6।।

        हे प्रभु, मेरा आपको नमन है। हे दामोदर,  हे अनंत, हे विष्णु, आप मुझपर प्रसन्न होवे, (क्योंकि) मैं संसाररूपी दुःख के समुन्दर में डूबी जा रही हूं। मुझ दिन हिन पर आप अपनी अमृतमय कृपा की वृष्टि कीजिये और कृपया मुझे दर्शन दीजिये। 🙏

कुबेरात्मजौ  बद्ध - मूत्तर्यैव  यद्वत् ।
त्वया  मोचितौ भक्तिभाजौ कृतौ च ।

तथा प्रेमभक्तिं स्वकां मे प्रयच्छ
न  मोक्षे  ग्रहो  मेsस्ति  दामोदरेह।। 7।।

        हे दामोदर ( जिनके पेट से रस्सी बंधी हुयी है वो ) ,  आपने माता यशोदा द्वारा ओखल में बंधे होने के बाद भी कुबेर के पुत्रों (  मणिग्रिव तथा नलकुबेर )  जो नारदजी के श्राप के कारण वृक्ष के रूप में मूर्ति की तरह स्थित थे, उनका उद्धार किया और उनको भक्ति का वरदान दिया।
  
     आप उसी प्रकार से मुझे भी प्रेमभक्ति प्रदान कीजिये, यही मेरा एकमात्र आग्रह है, किसी और प्रकार की कोई भी मोक्ष के लिए मेरी कोई कामना नहीं है। 🙏

नमस्तेsस्तु   दाम्ने   स्फुरद्दीप्तिधाम्ने
त्वदीयोदरायाथ  विश्वस्य  धाम्ने ।

नमो  राधिकायै  त्वदीय -  प्रियायै
नमोsनन्त -  लीलाय  देवाय तुभ्यम् ।। 8।।

   
        हे दामोदर, आपके उदर से बंधी    हुयी महान रज्जू (रस्सी)  को प्रणाम है और आपके उदर, जो निखिल ब्रह्म तेज का आश्रय है, और जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का धाम है, को भी प्रणाम है।
     श्रीमती राधिका जी, जो आपको अत्यंत प्रिय है उन्हें भी प्रणाम है, और हे अनंत लीलाऐं करने वाले भगवान आपके श्री चरण कमलों में मेरा बारम्बार कोटी कोटी स्नेहभरा प्रणाम है। 🙏�

।। *जय श्री राधा दामोदर* ।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
हरे  राम  हरे  राम  राम   राम  हरे   हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

No comments:

Post a Comment