Saturday, 7 January 2017

समस्त देहधारियो के अन्तःकरण मे अन्तर्यामीरुप से स्थित भगवान

समस्त देहधारियो के अन्तःकरण मे अन्तर्यामीरुप से स्थित भगवान उनके जीवन के कारण है तथा बाहर कालरुप से स्थित हुए वे ही उनका नाश करते है । अतः जो आत्मज्ञानीजन अन्तर्दृष्टिद्वारा उन अन्तर्यामी की उपासना करते हैँ , वे मोक्षरुप अमरपद पाते है और जो विषयपरायण अज्ञानी पुरुष बाह्यदृष्टि से विषयचिन्तन मे ही लगे रहते है , वे जन्म मरण रुप मृत्यु के भागी होते हैँ ।

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