Saturday, 7 January 2017

सभी के प्रति समभाव

--> सभी के प्रति समभाव , समता रखे वही ज्ञानी है । सभी मेँ ईश्वर है , ऐसा ज्ञान होना ही सच्चा ज्ञान है । ईश्वर स्वरुप के ज्ञान के बिना न तो भक्ति होती है और न ही भक्ति दृढ होती है । अतः भक्ति मेँ ज्ञान भी आवश्यक है ।
.., विषय के प्रति जब तक वैराग्य नही उत्पन्न होता तब तक भक्ति नहीँ हो सकती ।भक्ति के पहले ज्ञान और वैराग्य आते हैँ । जहाँ  भक्ति है , वहाँ ज्ञान द्वारा रक्षा होती है । भक्ति सिद्ध होते ही सभी शास्त्रो का ज्ञान प्राप्त हो जाता है । राम की महिमा भी बहुत बडी है --
" नाम लिया उन्होँने जान लिया सकल शास्त्र का भेद ।
बिना नाम नरक मेँ गया पढ-पढ चारोँ वेद ।।"

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