Saturday, 29 April 2017

धर्म का परिवार

धर्म का परिवार >
स्वायम्भुव मनु की पुत्री प्रसूति  एवं दक्ष प्रजापति से चौबीस कन्याएँ हुईँ जिनमे तेरह - श्रद्धा , लक्ष्मी , धृति , तुष्टि , पुष्टि , मेधा , क्रिया ,बुद्धि , लज्जा , वपु , शान्ति , सिद्धि एवं कीर्ति का विवाह धर्म के साथ हुआ । जिनसे श्रद्धा ने काम को , लक्ष्मी ने दर्प को , धृति ने नियम को , तुष्टि ने संतोष को , और पुष्टि ने लाभ को उत्पन्न किया । मेधा से श्रुत का, क्रिया से दण्ड ,नय और विनय का , बुद्धि से बोध का, लज्जा से विनय का , वपु से व्यवसाय का . शान्ति से क्षेम का , सिद्धि से सुख का ,और कीर्ति से यश का जन्म हुआ ।
काम से उसकी पत्नी रति ने हर्ष नामक पुत्र उत्पन्न किया जो धर्म का पौत्र हुआ ।
> अधर्म का परिवार <
अधर्म की पत्नी हिँसा से अनृत नामक पुत्र एवं निऋति जिसे दुरुक्ति या कर्कशा भी कहते हैँ नामक कन्या उत्पन्न हुई ।
इन दोनो से नरक एवं भय नामक पुत्र एवं माया एवं वेदना नामक कन्या हुई ।
भय की स्त्री माया से सब प्राणियोँ का संहार करने वाले मृत्यु नामक पुत्र एवं वेदना ने नरक के संसर्ग से दुःख नामक पुत्र को जन्म दिया । मृत्यु से व्याधि , जरा , शोक , तृष्णा , और क्रोध उत्पन्न हुए ।।

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